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Friday, September 30, 2016

दुनिया का दस्तूर है के जो जितना ताक़तवर है उसका उतनाही बड़ा सम्राज्य है ,
और इस ताक़त को इकठ्ठा करने और उसे बढ़ाने के लिए इंसान किसी भी हद तक जा सकता है,
चाहे उसे पूरी इंसानियत को ही क्यों न ख़त्म करना पड़े ,
उसवक्त इंसान सही गलत कुछ सोचने के काबिल नहीं रहता ,
इसी ताक़त को और पावरफुल बनाने के लिए इंसानों ने अपनी खीज बढ़ाते हुए परमाणु बम का आविष्कार किया ,
ये ऐसा हथियार है जिस से उस वक़्त का इंसान तो मर ही जाता है ,लेकिन बाद में पैदा होने वाली नस्लें भी पूर्ण रूप से सही नहीं होती ,
जिसका सबूत 1945 में अमेरिका द्वारा जापान पर किया गया हमला है,
उस वक़्त के बम में इतनी शक्ति थी के 4000 से ज़यादह टेम्प्रेचर की गर्मी पैदा हो गई थी ,और उस से पूरा शहर मलबे का ढेर बन गया था,
आज दुनिया के कई देशों के पास में इतना बम है ,के पूरी दुनिया एक बार नहीं ,कई कई बार ख़त्म हो सकती है ,
जिस तरह से अमेरिका ने जापन को बर्बाद किया ,क़यामत तक उस दहशत को भुलाया नहीं जा सकता ,
हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी
के आंकड़ों का कुछ अंश ,

हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला
पैसिफिक युद्ध, सेकेण्ड वल्द वार का भाग था,

बायीं तरफ़ हिरोशिमा और दायीं तरफ़ नागासाकी के उपर परमाणु बम गिरने के बाद मशरूम के  आकार के बादल बन गए थे।

तारिख , अगस्त 6 और
अगस्त 9, 1945
स्थान हिरोशिमा और नागासाकी, जापान

मृत्यु एवं हानि,
हिरोशिमा:
20,000+ सैनिक मारे गए।
70,000–146,000 आम नागरिक मारे गए।

नागासाकी:
39,000–80,000 मारे गए
कुल: 129,000–246,000+ मारे गए।

हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम "लिटिल बॉय" गिराया था। तीन दिनों बाद अमरीका ने नागासाकी शहर पर "फ़ैट मैन" परमाणु बम गिराया।

हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम को अमेरीका पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट के सन्दर्भ में "लिटिल ब्वाय" और नागासाकी के बम को विन्सटन चर्चिल के सन्दर्भ में "फ़ैट मैन" कहा गया।

#ये_हवस_हमें_कहाँ_तक_ले_जायेगी,
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Nasir Siddiqui