अजीब इत्तफ़ाक़ है ,
जिस इस्लाम को आतंक का धर्म कहा जाता है वही इस्लाम आज दुनिया में सब से ज़्यादा आतंक से प्रभावित है ,
जिस मुसलमान को आतंकवादी कहा जाता है वही सब से ज़यादा आतंकवादी हमलों में मारा जाता है ,
जिस मुल्क को आतंकवादी मुल्क कहा जाता है वहाँ सब से ज़यादह आतंकी हमले होते हैं
और जसिको आतंक का दुश्मन कहां जाता है उसको कोई नुलसांन नहीं होता
जो आतंकवाद को हथियार सप्लाई करता है उसे कोई भी कुछ नहीं कहता ,जब के सब जानते है के आतंवादी यहां से हथियार ले कर हमें निशाना बनाते है , फिर भी सब उसके तलवे चाटते है ।
अगर ऐसा आतंकवाद है तो भैया ये तो खत्म होने वाला नहीं है
,,ये वो नासूर है , जो जान लेके ही रहेगा,,
जिस इस्लाम को आतंक का धर्म कहा जाता है वही इस्लाम आज दुनिया में सब से ज़्यादा आतंक से प्रभावित है ,
जिस मुसलमान को आतंकवादी कहा जाता है वही सब से ज़यादा आतंकवादी हमलों में मारा जाता है ,
जिस मुल्क को आतंकवादी मुल्क कहा जाता है वहाँ सब से ज़यादह आतंकी हमले होते हैं
और जसिको आतंक का दुश्मन कहां जाता है उसको कोई नुलसांन नहीं होता
जो आतंकवाद को हथियार सप्लाई करता है उसे कोई भी कुछ नहीं कहता ,जब के सब जानते है के आतंवादी यहां से हथियार ले कर हमें निशाना बनाते है , फिर भी सब उसके तलवे चाटते है ।
अगर ऐसा आतंकवाद है तो भैया ये तो खत्म होने वाला नहीं है
,,ये वो नासूर है , जो जान लेके ही रहेगा,,