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Friday, July 26, 2013

एक माँ के दो लाल




एक माँ के दो लाल रहे हैं
दोनों ही बा कमाल रहे हैं
दूरियों के बावजूद भी हम
करांति की मशाल रहे हैं
जब तक रहे हम मिल के
दुनिया में ला ज्वाल रहे हैं
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अब जो हाल है नासिर इस मुल्क का
अब तो अपनी इज्ज़त संभाल रहे हैं


भारत की आजादी और भारत का मुसलमान