बचपन में एक बांसुरी वाले और चूहों की कहाँनी सुनी होगी आप ने,
एक शहर में चूहे बहुत हो गए। लोग सड़कों पर जाएँ, तो वहाँ चूहे देखें और घरों में भी चूहे धमाचौकड़ी मचाते दिखें। जिधर देखो, चूहे ही चूहे। वहाँ बीमारी शुरू हो गई।
एक दिन शहर के लोग मिल कर मेयर के पास गए और उससे कहा कि आप कुछ करिए।
उसने भी अपनी तरफ से बड़ी तरकीबें कीं, पर चूहों की संख्या बढ़ती चली गई। फिर मेयर ने घोषणा करवाई कि अगर कोई आदमी हमें वह नुस्खा बताए, जिससे चूहे यहाँ से चले जाएँ, तो हम उसे एक हजार फ्लोरेंस देंगे। वहाँ की मुदा का नाम फ्लोरेंस था। ऐलान के अगले ही दिन वहाँ एक आदमी कहीं बाहर से आया। उसने अजीब से कपड़े पहने हुए थे। उसने मेयर से पूछा कि अगर मैं इन चूहों को यहाँ से बाहर ले जाऊँगा, तो घोषणा के अनुसार क्या आप मुझे एक हजार फ्लोरेंस देंगे?
मेयर ने कहा, हाँ, अगर सब चूहे चले गए, तो तुझे हजार फ्लोरेंस जरूर दे देंगे।
अगले दिन सुबह, वह आदमी पूरे शहर में घूम-घूम कर बाँसुरी बजाने लगा।
उसकी बांसुरी की आवाज चूहों को ऐसी लगी, जैसे खाने के डिब्बे खुल रहे हों। तो सारे चूहे उस आवाज के पीछे-पीछे जाने लगे।
फिर वो बांसुरी वाला चलता-चलता शहर के बाहर आ गया।
बाहर एक नदी बहती थी। बाँसुरी बजाता हुआ वह नदी के अंदर चला गया। तो उसके पीछे-पीछे सारे के सारे चूहे भी नदी के अंदर चले गए और डूब गए।
जब सारे चूहे डूब गए, तो वह वापस शहर आया और अपना मेहनताना माँगा।
मेयर ने कहा, तुमने तो कुछ किया ही नहीं, सिर्फ बाँसुरी बजाई है। बाँसुरी बजाने के लिए हजार फ्लोरेंस कौन देता है?
बाँसुरी वाले ने कहा, देखो, अभी मुझे उस शहर में जाना है, वहाँ पर बिल्लियों को हटाना है। उसके बाद एक अन्य शहर में जा कर वहाँ से बिच्छुओं को हटाना है। तो आप जल्दी से मुझे पूरे पैसे दे दीजिए। पर मेयर ने कहा कि ये 50 फ्लोरेंस ले जाओ, तुमने तो खाली बाँसुरी बजाई है, और कुछ किया नहीं। हम तो मजाक में बोल रहे थे कि हजार फ्लोरेंस देंगे।
यह सुनकर बाँसुरी वाला बड़ा दुखी हुआ। अगले दिन उसने फिर से बाँसुरी बजानी शुरू की, किसी अलग तरह से और ऐसी बाँसुरी बजाई कि शहर में जितने भी बच्चे थे, सब खुश हो कर उसके पीछे-पीछे चलने लगे। फिर वह शहर से बाहर निकला और एक पहाड़ की गुफा में चला गया और सारे बच्चे उसके पीछे चले गए और उसके बाद गुफा का दरवाजा बंद हो गया।
कुछ ऐसा ही हाल आज देश का है
एक बांसुरी वाला अपनी धुन सूना कर सारे लोगों के मन को मोह लिया है
और लोग उसके पीछे पीछे अपनी बर्बादी की तरफ बढ़ते चले जा रहे हैं ।
एक शहर में चूहे बहुत हो गए। लोग सड़कों पर जाएँ, तो वहाँ चूहे देखें और घरों में भी चूहे धमाचौकड़ी मचाते दिखें। जिधर देखो, चूहे ही चूहे। वहाँ बीमारी शुरू हो गई।
एक दिन शहर के लोग मिल कर मेयर के पास गए और उससे कहा कि आप कुछ करिए।
उसने भी अपनी तरफ से बड़ी तरकीबें कीं, पर चूहों की संख्या बढ़ती चली गई। फिर मेयर ने घोषणा करवाई कि अगर कोई आदमी हमें वह नुस्खा बताए, जिससे चूहे यहाँ से चले जाएँ, तो हम उसे एक हजार फ्लोरेंस देंगे। वहाँ की मुदा का नाम फ्लोरेंस था। ऐलान के अगले ही दिन वहाँ एक आदमी कहीं बाहर से आया। उसने अजीब से कपड़े पहने हुए थे। उसने मेयर से पूछा कि अगर मैं इन चूहों को यहाँ से बाहर ले जाऊँगा, तो घोषणा के अनुसार क्या आप मुझे एक हजार फ्लोरेंस देंगे?
मेयर ने कहा, हाँ, अगर सब चूहे चले गए, तो तुझे हजार फ्लोरेंस जरूर दे देंगे।
अगले दिन सुबह, वह आदमी पूरे शहर में घूम-घूम कर बाँसुरी बजाने लगा।
उसकी बांसुरी की आवाज चूहों को ऐसी लगी, जैसे खाने के डिब्बे खुल रहे हों। तो सारे चूहे उस आवाज के पीछे-पीछे जाने लगे।
फिर वो बांसुरी वाला चलता-चलता शहर के बाहर आ गया।
बाहर एक नदी बहती थी। बाँसुरी बजाता हुआ वह नदी के अंदर चला गया। तो उसके पीछे-पीछे सारे के सारे चूहे भी नदी के अंदर चले गए और डूब गए।
जब सारे चूहे डूब गए, तो वह वापस शहर आया और अपना मेहनताना माँगा।
मेयर ने कहा, तुमने तो कुछ किया ही नहीं, सिर्फ बाँसुरी बजाई है। बाँसुरी बजाने के लिए हजार फ्लोरेंस कौन देता है?
बाँसुरी वाले ने कहा, देखो, अभी मुझे उस शहर में जाना है, वहाँ पर बिल्लियों को हटाना है। उसके बाद एक अन्य शहर में जा कर वहाँ से बिच्छुओं को हटाना है। तो आप जल्दी से मुझे पूरे पैसे दे दीजिए। पर मेयर ने कहा कि ये 50 फ्लोरेंस ले जाओ, तुमने तो खाली बाँसुरी बजाई है, और कुछ किया नहीं। हम तो मजाक में बोल रहे थे कि हजार फ्लोरेंस देंगे।
यह सुनकर बाँसुरी वाला बड़ा दुखी हुआ। अगले दिन उसने फिर से बाँसुरी बजानी शुरू की, किसी अलग तरह से और ऐसी बाँसुरी बजाई कि शहर में जितने भी बच्चे थे, सब खुश हो कर उसके पीछे-पीछे चलने लगे। फिर वह शहर से बाहर निकला और एक पहाड़ की गुफा में चला गया और सारे बच्चे उसके पीछे चले गए और उसके बाद गुफा का दरवाजा बंद हो गया।
कुछ ऐसा ही हाल आज देश का है
एक बांसुरी वाला अपनी धुन सूना कर सारे लोगों के मन को मोह लिया है
और लोग उसके पीछे पीछे अपनी बर्बादी की तरफ बढ़ते चले जा रहे हैं ।