फिर से आंसूओं की बरसात मत करना
फिर नफरतों की तुम बात मत करना
ज़िन्दगी के उजाले रहने दो खुदा केलिए
फिर मेरी ज़िन्दगी की रात मत करना
फैला तो रहे हो नफरतों काजाल दुनिया में
बस इतनी इल्तजा है फिर गुजरात मत करना,
फिर नफरतों की तुम बात मत करना
ज़िन्दगी के उजाले रहने दो खुदा केलिए
फिर मेरी ज़िन्दगी की रात मत करना
फैला तो रहे हो नफरतों काजाल दुनिया में
बस इतनी इल्तजा है फिर गुजरात मत करना,