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Monday, August 19, 2013

फिर गुजरात मत करना

फिर से आंसूओं की बरसात मत करना 
फिर नफरतों की तुम बात मत करना 

ज़िन्दगी के उजाले रहने दो खुदा केलिए
फिर मेरी ज़िन्दगी की रात मत करना 

फैला तो रहे हो नफरतों काजाल दुनिया में
बस इतनी इल्तजा है फिर गुजरात मत करना,
इसम में छुपे हैं मुहब्बतों के नगीने 
इस के जाएल असरात मत करना 
जीने दो हमें हमारे हाल पे नासिर 
यहाँ फिरकों की बात मत करना

आज रक्षा बंधन है तो हमारे दोस्तों के लिए एक शेर हिज्र है ,,,


♥♥नासिर सम्भाल के रखना इसतरह इन गहनों को♥♥ 
♥♥कोई बुरा साया भी ना छुए मेरे देश की बहनों को ♥♥