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Saturday, July 6, 2013

हिन्दुस्तान रखते हैं


हम अपनी हथेली पे जान रखते हैं
अपनी आँखों में हिन्दुस्तान रखते हैं

न बाँट पाओगे हमें अब नफरतों से तुम
दिल जीतने का फन् मुसलमान रखते हैं

गर पड़ी ज़रुरत तो लुटादेंगे ज़िन्दगी
अपने भारत को नासिर महान रखते हैं

बोलना तो हमें भी आता है बहुत कुछ
हम भी मुंह में अपनी ज़बान रखते हैं,,,


नासिर सिद्दीकी ,,
 

तन्हाई


तनहा मेरे जैसा जहां में कोई न हो
भीड़ में भी लगता है जैसे कोई न हो

नासिर चलो किसी ऐसी जगह जहां
आदमियत तो हो पर आदमी नहो