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Wednesday, December 14, 2016

हर वक़्त हर जगह बस तेरा ही चर्चा हो

हर वक़्त हर जगह बस तेरा ही चर्चा हो
खुदा करे के तू हर बलन्दी को छू आये
बसी है इस क़दर साँसों में तेरी मुहब्बत
याद करूँ तुझको तो आँखों से लहू आये 

लो ढल गया आफताब अब क्या होगा

लो ढल गया आफताब अब क्या होगा
कुछ तो कहिये जनाब अब क्या होगा
एक मुद्दत से मेरा चाँद बादल में छुपा था
खुल गया उसका नक़ाब अब क्या होगा 
छोड़ कर तेरी गली जाएँ तो जाएँ कहाँ 
तू ही बता , तेरा जवाब अब क्या होगा
कल तलक जो के गुड़ियों से खेला करती
अब आगया उस पे शबाब अब क्या होगा
दिल खोल के पिला आज मुझे ऐ साक़ी
छोड़ दे आज का हिसाब अब क्या होगा

फिक्रे मआश अब मुझे सोने नही देती

फिक्रे मआश अब मुझे सोने नही देती
अब इस दौर में जीना जेहाद हो जैसे
हर वक़्त मेरे सीने पे सवार रहती है
याद , तुम्हारी कोई जल्लाद हो जैसे
उन हसींन माज़ी को टटोलने लगता हूँ
ऐसा लगता है मुझे सब याद हो जैसे 

ऐ ज़िन्दगी तू मेरी वो सब निशानी लौटा दे

ऐ ज़िन्दगी तू मेरी वो सब निशानी लौटा दे 
हसीन परियों की वो कहानी लौटा दे 
नहीं चाहिए मुझे ये तेरा दर्द भरा शबाब
मुझे बस बचपन की वो ज़िंदगानी लौटा दे,

कुछ इस तरह से ज़िन्दगी गुज़ारा है मैंने

कुछ इस तरह से ज़िन्दगी गुज़ारा है मैंने
हर एक पल जैसे खुद को मारा है मैंने
हुआ है तन्हाई का एहसास जब भी मुझे
खुदा गवाह है बस तुम्ही को पुकारा है मैंने

मैंने शेरों के परदे में ग़मको बहुत छुपाया है

मैंने शेरों के परदे में ग़मको बहुत छुपाया है 
अक्सर ग़ज़लों ने मुझको बहुत रुलाया है 
छुप के अब कोहसारों में रोता हूँ मैं ज़ार ज़ार 
शहर के रफ़ीक़ों ने ,मुझको बहुत रुलाया है

सच्चाई हर मोड़ पे आज़माई गई है

सच्चाई हर मोड़ पे आज़माई गई है
,,सीता,, हर दौर में जलाई गई है

क्या है ताक़त प्यार में, ये आज़मा कर देख लेते

क्या है ताक़त प्यार में, ये आज़मा कर देख लेते
तूफ़ानों के बीच में तुम दिया जला कर देख लेते
ये माना दुश्वार बहुत है , ये जीवन भी लेकिन
जीवन के हसीं लम्हों को, मुसकुरा कर देख लेते

लगा दी है हमने,खुद पे ये दांव अब

लगा दी है हमने,खुद पे ये दांव अब
भर जाएँ चाहे मेरे, छालों से पाँव अब
मिटा के रहेंगे अब,उनकी हस्तियों को
अमन के दुश्मनों से, बचाएंगे गांव अब

सुरों में तुम खो जाओगे गुनगुना कर देखो

सुरों में तुम खो जाओगे गुनगुना कर देखो
नगमये वफ़ा एकबार तुम गा कर देखो
हटाओ ये माथे का शिकन आओ प्यार करें
कितनी हसीन है ये दुनिया मुस्कुरा कर देखो
मिलना या न मिलना ये मुक़द्दर की बात है
हाथ लेकिन एक बार तुम बढ़ा कर देखो
फिर उसके बाद तुम , मेरे ही हो जाओगे
मेरे इश्क़ को एकबार आज़मा कर देखो
ये ज़ुल्मतों के बादल सब छट जायेनंगे
उम्मीदों का तुम एक दिया जलाकर देखो
साहिल पे बैठ कर तुम क्या जान पाओगे
गहराई का अंदाजा गहराई में जा कर देखो

ये बहते हुए आँसु कभी तो मेरे काम आये

ये बहते हुए आँसु कभी तो मेरे काम आये 
मिल जाए वो मुझे कोई तो ऐसी शाम आये 
जपता हूँ दिनरात जिस के नाम की मैं माला
उसकी ज़ुबान पर भी कभी तो मेरा नाम आये

मैं खुद से बाहर निकल रहा हूँ

मैं खुद से बाहर निकल रहा हूँ 
थोड़ा थोड़ा मैं पिघल रहा हूँ 
मिलेगी मंज़िल ये सोच कर के
गिर२ के फिर मैं,संभल रहा हूँ 
इन काली रातों की सुबह तो होगी 
इसी उम्मीद पर मैं बदल रहाहूँ
कितनी हसीं होगी वो मेरी रातें
ये सोच कर ही मचल रहा हूँ
अपने कांधों पे बोझ लेकर
अनजान राहों पे चल रहा हूँ
बिछड़ के तुझसे ऐ ज़िन्दगी मैं
नासिर अब तक मैं जल रहाहूँ

#एक_बहुत_अच्छी_बात

इंसान को हमेशा अपने संगत, दोस्ती अच्छे लोगों से करनी चाहिए , 
क्योंकि वही पानी अगर सीप में गिरे तो मोती बन जाता है 
और वही पानी आपके हाथ में गिरे तो आप उसे पी सकते हैं , और वज़ू कर सकते हैं 
लेकिन वही पानी अगर नाली में गिर जाए तो आप पाँव भी नहीं धो सकते।