Nasir Siddiqui
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Wednesday, December 14, 2016
सुरों में तुम खो जाओगे गुनगुना कर देखो
सुरों में तुम खो जाओगे गुनगुना कर देखो
नगमये वफ़ा एकबार तुम गा कर देखो
हटाओ ये माथे का शिकन आओ प्यार करें
कितनी हसीन है ये दुनिया मुस्कुरा कर देखो
मिलना या न मिलना ये मुक़द्दर की बात है
हाथ लेकिन एक बार तुम बढ़ा कर देखो
फिर उसके बाद तुम , मेरे ही हो जाओगे
मेरे इश्क़ को एकबार आज़मा कर देखो
ये ज़ुल्मतों के बादल सब छट जायेनंगे
उम्मीदों का तुम एक दिया जलाकर देखो
साहिल पे बैठ कर तुम क्या जान पाओगे
गहराई का अंदाजा गहराई में जा कर देखो
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