दिल की सिंहांसन पे
तो इश्क़ विराजमान है
किसी की याद में फिर
एक ताजमहल बना
लगता है दुनिया में
कोई और भी शाहजहाँ है
हवाओं का शोर हर तरफ
से तो उठा मगर
बाद में लगा के ये
तो एक वक्ती तूफ़ान है
उठा तो है मगर फिर
दुबक के बैठ जाएगा
ये शेर नहीं ,ये तो आदम खोर शैतान है,
कभी बांटे गए बुर्क़े
तो कहीं लाल किला बना
अजब अजब तरीके की
ये तुम्हारी उड़ान है
नासिर, यहाँ दरिन्दे नहीं इन्सान रहते हैं
ये कोई जंगल नहीं
ये हमारा हिन्दुस्तान है
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